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All We Imagine As Light Review: मुंबई की तीन महिलाएं और उनके संघर्ष: ‘ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट’ की दिल छू लेने वाली कहानी

मुंबई की तीन महिलाएं और उनके संघर्ष: ‘ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट’ की दिल छू लेने वाली कहानी

 

फिल्म ‘ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट‘, जो इस साल कान्स फिल्म फेस्टिवल में ग्रां प्री जीत चुकी है, आज भारत के सिनेमाघरों में रिलीज़ हो गई है। पायल कपाड़िया के निर्देशन में बनी यह फिल्म तीन प्रवासी महिलाओं की जिंदगी और उनके संघर्षों की कहानी है, जो मुंबई की व्यस्त और चुनौतीपूर्ण दुनिया में अपना स्थान खोजने की कोशिश करती हैं।

तीन कहानियां, एक शहर

फिल्म तीन महिलाओं—प्रभा, पार्वती और अनु—के इर्द-गिर्द घूमती है।

प्रभा (कानी कुश्रुती): एक नर्स, जो अकेलेपन और लंबी दूरी के विवाह के संघर्ष में फंसी है। उसके पति की जर्मनी में नौकरी ने उन्हें लंबे समय से अलग रखा है। उसके जीवन में एक अप्रत्याशित मोड़ आता है, जब उसका पति उसे एक प्रेशर कुकर भेजता है। यह तोहफा उसके रिश्ते की हालत और उसकी भावनात्मक स्थिति का प्रतीक बन जाता है।

पार्वती (छाया कदम): एक घरेलू कामगार, जो अपने घर से बेदखल होने के डर से जूझ रही है। बिल्डरों का दबाव और आर्थिक अनिश्चितता उसकी जिंदगी को और मुश्किल बना देते हैं।

अनु (दिव्या प्रभा): एक युवा, जो प्यार में पड़ गई है। लेकिन उसका प्रेमी मुस्लिम है, और दोनों परिवारों की अस्वीकृति की संभावना उनके रिश्ते को चुनौतीपूर्ण बनाती है।

 

महिला मित्रता और संघर्ष का जश्न

फिल्म केवल इन महिलाओं के संघर्षों की बात नहीं करती, बल्कि उनकी दोस्ती और सहानुभूति को भी खूबसूरती से उजागर करती है। पार्वती और प्रभा की बातचीत में झलकती उनकी गहरी समझ और अनु का अपने तरीके से जिंदगी जीने का जुनून इस फिल्म को और खास बनाता है।

मुंबई की सच्चाई और पितृसत्ता पर टिप्पणी

पायल कपाड़िया ने न केवल महिलाओं के जीवन के विभिन्न पहलुओं को गहराई से दिखाया है, बल्कि मुंबई के शहरीकरण, पितृसत्ता और धार्मिक जटिलताओं पर भी संवेदनशील दृष्टिकोण रखा है। हर दृश्य में मुंबई की भीड़भाड़ भरी जिंदगी और इसके संघर्ष साफ झलकते हैं।

दमदार परफॉर्मेंस

फिल्म की सबसे बड़ी ताकत इसकी अदाकाराएं हैं:

कानी कुश्रुती प्रभा के किरदार में गहरी करुणा और संवेदनशीलता लाती हैं। उनके चेहरे पर सूखे आँसुओं की झलक और प्रेशर कुकर को सीने से लगाकर रखने का दृश्य लंबे समय तक याद रह जाता है।

छाया कदम अपने मजबूत अभिनय के लिए जानी जाती हैं और इस बार भी उन्होंने पार्वती के किरदार को जीवंत किया है।

दिव्या प्रभा ने अनु के किरदार में एक नई ऊर्जा और जुनून भरा है। उनकी सहजता और वास्तविकता दर्शकों को प्रभावित करती है।

क्यों देखें यह फिल्म?

ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट‘ केवल एक फिल्म नहीं, बल्कि एक अनुभव है। यह तीन महिलाओं की कहानी के जरिये हमारे समाज की सच्चाई, उनके संघर्षों और उनकी उम्मीदों को दिखाती है। अगर आप गहराई, संवेदनशीलता और खूबसूरत कहानी कहने की कला को सराहते हैं, तो यह फिल्म आपके लिए है।

अब सिनेमाघरों में उपलब्ध, यह फिल्म भारतीय सिनेमा की उन दुर्लभ कहानियों में से है, जो लंबे समय तक आपके साथ रहेगी।

 

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