Taliban Pakistani Army 28 दिसंबर 2024: पाकिस्तान और तहरीक-ए-तालिबान के बीच बढ़ता तनाव
पाकिस्तान और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के बीच संघर्ष एक बार फिर से गहराता नजर आ रहा है। 28 दिसंबर 2024 को मिली रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत में TTP के ठिकानों पर हाल ही में बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए। इन हमलों में लगभग 46 लोगों के मारे जाने की खबर है। इसके जवाब में TTP ने पाकिस्तान के भीतर हमले तेज कर दिए हैं, जिससे दोनों पक्षों के बीच तनाव और गहराता जा रहा है।
TTP के खिलाफ पाकिस्तान की कार्रवाई
पाकिस्तान सरकार और सेना पिछले कुछ वर्षों से TTP को कमजोर करने के लिए लगातार ऑपरेशन चला रही है। TTP को देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा माना जाता है। हाल ही में, पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की सीमा के पास स्थित पक्तिका प्रांत में हवाई हमले किए। इस कार्रवाई का मकसद TTP के मुख्य ठिकानों को निशाना बनाना था।
इन हमलों के बाद पाकिस्तान ने दावा किया कि उन्होंने TTP के कई आतंकियों को मार गिराया है। हालांकि, स्थानीय अफगान सरकार ने इन हमलों की कड़ी निंदा की और इसे अपनी संप्रभुता का उल्लंघन बताया।
BREAKING NEWS!🚨#Afghanistan #Taliban forces have declared war against terrorist state of Pakistan. Now Pakistani military and their ISI are screaming in extreme fear. Process of destruction of Terrorist state #Pakistan begins. pic.twitter.com/uQZqTYAnWD
— Afghan Taliban News (@AfghanTN) December 28, 2024
TTP की जवाबी कार्रवाई
TTP ने इन हमलों का बदला लेने के लिए पाकिस्तान के विभिन्न क्षेत्रों में हमले तेज कर दिए हैं। हाल ही में, TTP के आतंकियों ने पाकिस्तान की सेना और पुलिस पर कई हमले किए। इन हमलों में सुरक्षा बलों को भारी नुकसान हुआ है। इसके अलावा, TTP ने खुले तौर पर पाकिस्तान को धमकी दी है कि अगर सैन्य ऑपरेशन जारी रहे, तो वे और भी बड़े हमले करेंगे।
TTP के इन हमलों ने पाकिस्तान के विभिन्न प्रांतों में दहशत का माहौल बना दिया है। विशेषकर खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान प्रांत इन हमलों से बुरी तरह प्रभावित हैं।
अफगान तालिबान की प्रतिक्रिया
तालिबान के नेतृत्व वाली अफगान सरकार ने पाकिस्तान के हवाई हमलों की कड़ी आलोचना की है। अफगानिस्तान ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि अगर ऐसे हमले जारी रहे, तो वे जवाबी कार्रवाई के लिए मजबूर हो जाएंगे। अफगानिस्तान ने इसे दोनों देशों के बीच शांति और स्थिरता के लिए खतरनाक करार दिया है।
तालिबान का कहना है कि पाकिस्तान को अफगानिस्तान की सीमा में आकर ऐसे हमले करने का कोई अधिकार नहीं है। तालिबान के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि वे अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएंगे।
क्षेत्रीय स्थिरता पर प्रभाव
इस बढ़ते तनाव ने क्षेत्रीय स्थिरता को गंभीर खतरे में डाल दिया है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंध अब और खराब हो रहे हैं। अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बनने के बाद पाकिस्तान ने यह उम्मीद जताई थी कि तालिबान TTP को नियंत्रित करेगा। हालांकि, ऐसा होता नहीं दिख रहा है।
TTP और तालिबान के बीच ऐतिहासिक संबंध रहे हैं। यह भी माना जाता है कि तालिबान TTP को छुपकर समर्थन दे रहा है। इसी वजह से पाकिस्तान को अफगानिस्तान में हवाई हमले करने पड़े।
आगे की राह
पाकिस्तान और TTP के बीच संघर्ष के समाधान के लिए कोई स्पष्ट रास्ता नजर नहीं आ रहा है। पाकिस्तान को जहां अपनी आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करना होगा, वहीं अफगानिस्तान के साथ कूटनीतिक संबंधों को भी बेहतर करना होगा।
दूसरी ओर, अफगानिस्तान को भी यह समझना होगा कि TTP का समर्थन करना या उसकी गतिविधियों को नजरअंदाज करना क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरनाक हो सकता है। अगर यह संघर्ष और बढ़ता है, तो यह पूरे दक्षिण एशिया के लिए गंभीर समस्या बन सकता है।
निष्कर्ष
पाकिस्तान और TTP के बीच बढ़ता संघर्ष केवल दो पक्षों का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र की स्थिरता और शांति को प्रभावित कर सकता है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस मामले में हस्तक्षेप करके दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता करनी चाहिए।
दोनों देशों को अपने मतभेदों को बातचीत के जरिए सुलझाना चाहिए, ताकि निर्दोष लोगों की जान बचाई जा सके और क्षेत्र में शांति बहाल हो सके।